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*अमूल्य रतन* 215 अव्यक्त मुरली दिनांक: *05 मार्च 1970* *व्यर्थ संकल्पों का बीज* व्यर्थ संकल्प व विकल्प जो चलते हैं तो एक ही शब्द बुद्धि में आता है कि *यह क्यों हुआ,* क्यों से व्यर्थ संकल्पों की क्यू शुरू हो जाती है। इस क्यों शब्द से फिर कल्पना शुरू हो जाता है। *इस क्यू केRead more
*अमूल्य रतन* 214 अव्यक्त मुरली दिनांक: *05 मार्च 1970* शीर्षक: *जल चढ़ाना अर्थात् प्रतिज्ञा करना।* *शिवजयंती मनाना अर्थात्* बच्चों का मनाना अर्थात् एक तो है मिलना और दूसरा है अपने समान बनाना। *जल अथवा दूध चढ़ाने की रस्म* जल व दूध चढ़ाने का भावार्थ यह है कि जब कोई भी प्रतिज्ञा करनी होती है तोRead more
*अमूल्य रतन* 213 अव्यक्त मुरली दिनांक: *02 फरवरी 1970* *संपूर्ण होने में रुकावट डालने वाला विशेष विघ्न* व्यर्थ संकल्प। *इससे बचने के लिए* 01. एक तो कभी अंदर की व बाहर की रेस्ट ना लो। 02. सदैव अपने को गेस्ट समझो। अगर गेस्ट समझेंगे और रेस्ट नहीं करेंगे तो संकल्प और समय वेस्ट नहीं जाएगा।Read more
*अमूल्य रतन* 212 अव्यक्त मुरली दिनांक: *02 फरवरी 1970* *सर्विस में सफलता लाने के लिए दो बातें* *निशाना और नशा।* जब निशाना ठीक होता है तो एकदम से किसी को मरजीवा बना सकते हो। _अगर अपनी स्थिति का भी निशाना_ और दूसरे के सर्विस करने का भी निशाना ठीक होगा और _साथ-साथ नशा भी सदैवRead more
*अमूल्य रतन* 211 अव्यक्त मुरली दिनांक: *02 फरवरी 1970* *ऐसे साक्षात्कारमूर्त बनो* जो कोई भी सामने आए, वह चित्र आपके नैनों में देखते ही बुद्धि योग द्वारा अनेक साक्षात्कार हो। *साक्षात्कारमूर्त बनने के लिए* सदैव साक्षी स्थिति में स्थित रहना। *ऐसा पुरुषार्थ करो* एक एक के मस्तक में लाइट देखने में आये। विनाश के समयRead more
*अमूल्य रतन* 210 अव्यक्त मुरली दिनांक: *02 फरवरी 1970* शीर्षक: *आत्मिक पावर की परख* *ईश्वरीय शक्ति का प्रोजेक्टर* यह *दिव्य नेत्र* (ईश्वरीय शक्ति का प्रोजेक्टर) जितना जितना क्लियर अर्थात् रूहानियत से संपूर्ण होंगे उतना ही तुम बच्चों के नयनों द्वारा कई चित्र देख सकते हैं। इन नयनों द्वारा *बापदादा और पूरी रचना के स्थूल, सूक्ष्मRead more
*अमूल्य रतन* 209 अव्यक्त मुरली दिनांक: *26 जनवरी 1970* *एग्जाम और एग्जांपल* जो यथार्थ पुरुषार्थी है उनके पुरुषार्थ में इतनी पावर रहती है जो औरों के आगे एग्जांपल बनते हैं। *आपको देख औरों को प्रेरणा मिले।* तभी एग्जाम में पास हो सकते हैं। *बंधन तोड़ने के लिए* शक्ति बिगर बंधन नहीं टूटेंगे। याद की शक्तिRead more
*अमूल्य रतन* 208 अव्यक्त मुरली दिनांक: *26 जनवरी 1970* *तीव्र पुरुषार्थी के लक्षण* वह “कब” शब्द नहीं बोलते, “अब* बोलेंगे। क्योंकि संगमयुग का एक सेकंड पद्मों की कमाई करने वाला भी है और गंवाता भी है। *परिस्थिति और स्थिति* जब सर्वशक्तिवान के संतान हो तो क्या ईश्वरीय शक्ति परिस्थिति को नहीं बदल सकती!? अगर परिस्थितियोंRead more
*अमूल्य रतन* 207 अव्यक्त मुरली दिनांक: *26 जनवरी 1970* *संकल्प के आधार पर सृष्टि* अगर *संकल्प पावरफुल* है तो अपने ही संकल्प के आधार पर अपने लिए *सतयुगी सृष्टि* लाएंगे। *संकल्प कमजोर* हैं तो अपने लिए *त्रेतायुगी सृष्टि* लाते हैं। *अपने आप से दृढ़ प्रतिज्ञा करो* कि आज से फिर यह बातें कभी नहीं रहेंगी।Read more
*अमूल्य रतन* 206 अव्यक्त मुरली दिनांक: *26 जनवरी 1970* *मन, वाणी, कर्म तीनों शक्तिशाली हो जाए इसके लिए* कमजोरी के अगर संकल्प चलते हैं तो वाणी और कर्म में आ जाते हैं। संकल्प में ही खत्म कर देंगे तो वाणी, कर्म में नहीं आएंगे। *बांधेलीयों के लिए* घर बैठे भी चरित्रों का अनुभव कर सकतेRead more