*अमूल्य रतन* 288
अव्यक्त मुरली दिनांक: *27 July 1970*
शीर्षक: *अव्यक्त बनने के लिए मुख्य शक्तियों की धारणा*

*अंतिम स्टेज*

अंतिम स्टेज ऐसी होनी चाहिए जिसमें हर एक के मुखड़े में *अव्यक्त मूर्त, आकर्षण मूर्त, अलौकिक मूर्त और हर्षित मूर्त।* यह सर्व लक्षण प्रसिद्ध रूप में दिखाई दे।
संपूर्ण स्टेज़ में यह *सभी लक्षण समान रूप में और प्रत्यक्ष रूप में* दिखाई देंगे।

*लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए धारणाएं*

मुख्य एक तो *सहन शक्ति* चाहिए, *परखने की शक्ति* चाहिए और *विस्तार को छोटा करने की* और फिर *छोटे को बड़ा करने की* भी शक्ति चाहिए।
*समेटने* की शक्ति, *समाने* की शक्ति, *सामना करने* की शक्ति और *निर्णय करने* की शक्ति भी चाहिए।
इन सबके साथ साथ सबको स्नेही और सहयोगी बनाने की अर्थात् *सर्व को मिलाने की भी शक्ति* चाहिए।

_*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org*