*अमूल्य रतन* 162
अव्यक्त मुरली दिनांक: *25 दिसम्बर 1969*
शीर्षक: *अनासक्त बनने के लिए तन और मन को अमानत समझो*

*संगम युग की संपूर्ण स्टेज की फीचर्स*

बिल्कुल हल्कापन होता है।
_संकल्पों में भी हल्कापन, वाणी में भी हल्कापन, कर्म करने में भी हल्कापन और संबंध में भी हल्कापन।_ इन *चारों बातों में हल्कापन होना ही फरिश्ते की अवस्था है।*

*हल्कापन होने से*

01. *जैसी* भी *परिस्थिति* हो *वैसी* अपनी *स्थिति* बना सकेंगे।
02. एक सेकंड में कोई भी आत्मा के *संस्कारों को परख* सकेंगे।
03. एक सेकंड में *निर्णय* कर सकेंगे।

जब यह सभी गुण हर कर्म में प्रत्यक्ष दिखाई दे तो समझना आप संपूर्ण स्टेज नज़दीक है।

_अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org*