*अमूल्य रतन* 289 *दो बातें धारण करना और एक बात छोड़ना* *रूहानियत और ईश्वरीय रूहाब* धारण करना। *सफलता अर्थात्* सफलता अर्थात् संपूर्ण गुण धारण करना। अगर सर्व बातों में सफलता है तो उसका नाम ही है संपूर्णमूर्त। *समीप रत्नों के लक्षण* समीप सितारों में बापदादा के गुण और कर्तव्य प्रत्यक्ष दिखाई पड़ेंगे। _*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org* |