*अमूल्य रतन* 29‌2
अव्यक्त मुरली दिनांक: *30 July 1970*
शीर्षक: *महारथी अर्थात् महानता*

*महारथियों का अर्थ*

महारथियों का अर्थ ही है महानता। महानता सिर्फ संकल्प में नहीं लेकिन सर्व में महानता।
उनके संकल्पों को प्रैक्टिकल में लाने के लिए समय नहीं लगता। *क्योंकि महारथियों के संकल्प भी ऐसे होते हैं जो प्रैक्टिकल में संभव हो सकते हैं।*

*फाइनल स्टेज की परख*

फाइनल स्टेज है योग की सिद्धि प्राप्त करना। कर्म की सिद्धि प्राप्त करना।
इससे *अपनी स्टेज को परख सकते हो, जो संकल्प उठा वह सिद्ध हुआ कि नहीं?*

सर्व गुणों में श्रेष्ठ बनना है। *इष्ट देवताओं में सर्व शक्तियां समान रूप में होती है।* यह पुरुषार्थ करना है। (27/07/70)

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