*अमूल्य रतन* 293 *संकल्प, वाणी, कर्म सभी सिद्ध हो जाए इसके लिए* अगर कंट्रोलिंग पावर नहीं है तो व्यर्थ मिक्स होने के कारण सिद्धि प्राप्त नहीं होती। अगर यथार्थ उत्पत्ति हो संकल्पों की व यथार्थ वाणी निकले, यथार्थ कर्म हो, तो हो ही नहीं सकता कि सिद्ध ना हो। *विश्व के आधार मूर्त और उद्धार मूर्त* जो विश्व के आधार मूर्त और उद्धार मूर्त हैं ऐसी मूर्तियों के मुख से कमज़ोरी के शब्द शोभते नहीं है। ऐसी अलौकिक झलक से सभी को फिदा कर सकेंगे। कोई को मुक्ति धाम कोई को जीवनमुक्ति धाम…. *(सभी आत्माओं को आप लोगों द्वारा अपना अपना यथा पार्ट तथा बाप का वर्सा जरूर लेना है)* _*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org* |