*अमूल्य रतन* 295 *गोवर्धन पर्वत का यादगार* पहाड़ को अंगुली देना अर्थात् पुराने संस्कारों को मिटाने में अंगुली देना। तब कलियुगी दुनिया बदल फिर नई दुनिया बनेगी। *चाहे कोई भी स्लोगन स्मृति में रखो, अच्छा है। लेकिन स्लोगन का स्वरूप बनना ही है यह याद रहे।* *एकमत* मणकों की विशेषता यही है, जो एकमत होते हैं वह एक ही धागे में पिरोए जाते हैं। *एकमत के लिए वातावरण* समाने की शक्ति चाहिए। अगर कोई बात में भिन्नता है तो उस भिन्नता को समाओ क्योंकि यथा योग्य, यथा शक्ति होता है। _*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org* |