*अमूल्य रतन* 18
अव्यक्त मुरली दिनांक: 17 अप्रैल 1969

*पुरुषार्थ से प्यार*
अर्थात् फाइनल स्टेज के प्रमाण जो कुछ कमी देखने में आती है, उस कमी को शीघ्र निकालना।

हर एक अपनी अपनी कहानी सुनाते हैं – शरीर का रोग ना हो तो हम बहुत पुरुषार्थ करें, _तन का बंधन हटेगा, मन का आएगा, धन का आएगा, संबंध का आएगा फिर क्या करेंगे।_
*यह बंधन खुद नहीं हटेंगे। अपनी ही शक्ति से हटाने हैं।*

कई समझते हैं बापदादा हटायेंगे या समय प्रमाण हटेंगे परंतु यह नहीं समझना है।