*अमूल्य रतन* 34
अव्यक्त मुरली दिनांक: 17 मई 1969

01. वर्तमान समय अव्यक्त स्थिति में ज्यादा कमी देखने में आती है।

02. एक है कथन दूसरा है मंथन। वर्तमान समय मंथन से कथन ज्यादा है।
तीसरी बात कुछ सूक्ष्म है, *एक है मंथन करना दूसरा है मग्न रहना वह होती है बिल्कुल लवलीन अवस्था।*

*जो मग्न अवस्था में होंगे उन्हों की चाल चलन से अलौकिकता और अतींद्रियसुख देखने में आएगा।*

03. अभी पुरुषार्थी बनने का समय नहीं है *अभी तीव्र पुरुषार्थी बनने का समय है।*

04. समय का जितना लाभ उठाना चाहिए उतना उठाते हैं या नहीं वह हर एक को चेक करना है वरना मंजिल से दूर रह जायेंगे।