*अमूल्य रतन* 42
अव्यक्त मुरली दिनांक: 09 नवंबर 1969 *दीपावली* के शुभ अवसर पर अव्यक्त बापदादा के महावाक्य: *भविष्य को जानने की युक्तियाँ*

*अपने भविष्य को स्पष्ट जानना-*

01. *आपकी चलन, आपकी तदबीर जो है वह आपके भविष्य तदबीर को प्रसिद्ध करेगी।* अब तकदीर और भविष्य में कुछ फर्क है।

02. जैसे साकार रूप में मां-बाप दोनों का अपना भविष्य स्पष्ट था। नाम भी स्पष्ट, रूप भी स्पष्ट, देश भी स्पष्ट और काल भी स्पष्ट था। इतना स्पष्ट की किस संबंध में आयेंगे वह भी स्पष्ट था।

*जैसे-जैसे समय और आपका पुरुषार्थ समान होता जायेगा तो (क्यों, क्या, कैसे)कोई संकल्प नहीं उठेगा* और आपकी तस्वीर प्रसिद्ध होगी।