*अमूल्य रतन* 68
अव्यक्त मुरली दिनांक: 18 जून 1969

संगमयुग पर अपना राजा बनना अर्थात् अधिकारी समझना।
*अधिकारी बनने के लिए उदारचित्त* का विशेष गुण होना चाहिए।

*ब्राह्मणों का मुख्य कर्तव्य*

ब्राह्मणों का मुख्य कर्तव्य है पढ़ना और पढ़ाना इसमें बिजी रहेंगे तो और बातों में बुद्धि नहीं जायेगी।

*स्वतंत्र होकर सर्विस करनी चाहिए।*

*मन की वृत्ति और अव्यक्त दृष्टि* से सर्विस कर सकते हो।
अपनी वृत्ति, दृष्टि से सर्विस करने में कोई बंधन नहीं है।

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