*अमूल्य रतन* 88
अव्यक्त मुरली दिनांक: 19 जुलाई 1969
बापदादा के कार्य में मददगार होने के साथ-साथ हिम्मतवार बनो तो आप सभी की जो इच्छा है वह पूर्ण होगी।
*हिम्मत कैसे आएगी?*
हर समय, हर कदम पर, हर संकल्प में बलिहार होने से हिम्मत आएगी। जो बलिहार होता है उसमें हिम्मत ज्यादा होती है।
*बलिहार जाने से क्या होगा?*
01. जितना जितना अपने को बलिहार बनाएंगे उतना ही गले के हार में नजदीक आएंगे। अभी बलिहार होंगे फिर *प्रभु के गले का हार।*
02. बलिहार बनकर कर्म करेंगे तो दूसरों को भी बलिहार बनाएंगे। जिसको वारिस कहा जाता है।
*यह आत्मिक दृष्टि की अवस्था शमा है।*