*अमूल्य रतन* 98
अव्यक्त मुरली दिनांक: 23 जुलाई 1969
शीर्षक: *सफलता का आधार परखने की शक्ति*
*अपनी अवस्था में परिवर्तन लाने के लिए -* बुद्धि को लौकिक से अलौकिक बातों में परिवर्तन करना।
01. *कुर्सी* पर जब बैठो तो *तख्त* को याद करो।
02. *कलम* उठाओ तो कमल के फूल को याद करो। अर्थात् *कमल का फूल बनकर कलम चलाओ।*
03. *फाइल* को देखकर अपना *पोतामेल* याद करो कि मेरी फाइल में बापदादा अभी क्या सही करते होंगे।
04. *भागदौड़* तो है ही *सीढ़ी से उतरना और चढ़ना*।
*स्लोगन याद रखना* – छोटों को करो प्यार और बड़ों को दो रिगार्ड।