*अमूल्य रतन* 91
अव्यक्त मुरली दिनांक: 23 जुलाई 1969
शीर्षक: *सफलता का आधार परखने की शक्ति*
*किस बात में उतरना और किस बात में चढ़ना है*
बड़प्पन होते हुए भी जहांँ पर छोटेपन की सीढ़ी उतरना होता है वहांँ पर।
एक सेकंड में मालिक और एक सेकंड में बालकपन।
*संगठन के बीच कैसे रहे*
संगठन में कोई बात होती है तो उसमें *विचार देने के समय मालिक* बनकर विचार देना।
लेकिन जहांँ पर संगठन का सवाल आता है वहांँ पर *निमित्त बने हुए भाई बहन ने जो फाइनल करते हैं उस समय* अपनी बुद्धि को बिल्कुल ही *बालकपन* में ले आना।
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