*अमूल्य रतन* 102
अव्यक्त मुरली दिनांक: 27 अगस्त 1969
शीर्षक: *मदद लेने का साधन है हिम्मत*

*ताज और तख्त को प्राप्त करने के लिए किन बातों की धारणा रखनी है।*

_लक्ष्मी-नारायण कैसे चलते हैं, कैसे कदम उठाते हैं, कैसे नयन नीचे ऊपर करते हैं, वैसी चलन हो तब लक्ष्मी-नारायण बनेंगे।_

अभी नयन ऊपर करोगे तो देह अभिमान आ जाएगा कि मेरे जैसा तो कोई नहीं।

*समय को देखकर अविनाशी ज्ञान यज्ञ को, जिसे कुंड कहा जाता है उसको भरना है।

*यज्ञ तो हमेशा कायम ही रहना है।*
*शिव बाबा का भंडारा भरपूर काल कंटक दूर। दूर तब होंगे जब नई दुनिया में जाएंगे।