*अमूल्य रतन* 128
अव्यक्त मुरली दिनांक: 20 अक्टूबर 1969
*संस्कार उत्पन्न क्यों होते हैं?*
सिर्फ अपनी विस्मृति इन सब बातों को उत्पन्न करती है।
चाहे पिछले संस्कार, चाहे पिछले कर्म बंधन, चाहे वर्तमान की भी, जो भी होता है उनका *मूल कारण अपनी विस्मृति है।*
_विस्मृति के कारण सभी व्यर्थ बातें सहज को मुश्किल बना देती हैं।_
*स्मृति और विस्मृति*
विस्मृति है तो बहुत ही विघ्न।
स्मृति है तो सहज और संपूर्णता।
*विस्मृति को भगाने के लिए*
सुनाई हुई बातों की *स्मृति को अगर मजबूत करते जाओ तो विस्मृति भाग जाएगी।*
_अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org*