*अमूल्य रतन* 125
अव्यक्त मुरली दिनांक: 16 अक्टूबर 1969

*मेहनत के फल की परख*

हर एक सेवाकेंद्र से समाचार आना चाहिए *यह तो अवतरित होकर के इस पृथ्वी पर पधारे हैं।* ऐसा समाचार आए तब समझो कि फल निकल रहा है।

जब ऐसी स्थिति होगी तब बाप का प्रभाव दुनिया के सामने आएगा।

*एक स्लोगन सदैव याद रखना*

जो बापदादा कहेंगे, जो कराएंगे, जैसे चलाएंगे, वैसे ही करेंगे, चलेंगे, बोलेंगे, देखेंगे।

*सर्व परिस्थितियों का सामना करने के लिए ड्रिल*

एक सेकंड में आवाज में, एक सेकंड में फिर आवाज से परे। *एक सेकंड में सर्विस के संकल्प में आए और एक सेकंड में संकल्प से परे स्वरूप में स्थित हो जाए।*

यह ड्रिल पक्का करना।

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