*अमूल्य रतन* 150
अव्यक्त मुरली दिनांक: 06 दिसम्बर 1969
शीर्षक: *सरल स्वभाव से बुद्धि को विशाल और दूरांदेशी बनाओ*

*एवररेडी आत्माओं की निशानी*

बुलावा हुआ और एक सेकंड में अपना रहा हुआ सब कुछ *समेटना और हाई जम्प देना।*

अभी एवररेडी की लाइन चालू हो गई है। *इस लाइन के अंदर किसी का भी नंबर आ सकता है।* जो सभी के संकल्प में है वह कभी नहीं होना है। होगा फिर भी अनायास ही। यह ब्राह्मण कुल की रीति रस्म चालू हो चुकी है।

यह रीति रस्म भी ड्रामा में क्यों बनी हुई है इसका भी बहुत गुप्त रहस्य है।

*समेटने की शक्ति पाने के लिए*

जो सरल स्वभाव वाले होंगे उनमें समेटने की शक्ति सहज आ सकती है।

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