*अमूल्य रतन* 141
अव्यक्त मुरली दिनांक: 17 नवंबर 1969

*अट्रैक्टिव बनने के लिए*

01. पहले अपने में विशेषताएं भरनी होगी।
02. हर्षित रहना पड़ेगा। हर्षित का अर्थ ही है अतीद्रिय सुख में झूमना।

*हर्षित रहने के लिए*

01. *ज्ञान का स्मरण कर अव्यक्त स्थिति का अनुभव* करना है। मन और तन दोनों से हर्षित रहना है।

02. प्रकृति और माया के अधीन न होकर दोनों को अधीन करना है। अधिकार रखने से अधिकारी बनेंगे।

*अधीनता को छोड़ने से*

सर्वदा सुख, शांति और पवित्रता का जन्मसिद्ध अधिकार प्राप्त होगा।

*संगमयुग का सौभाग्य*

*_सतयुग में भी लौकिक बाप के साथ रहेंगे। पारलौकिक बाप के साथ नहीं।_*

_सतयुग के श्रृंगार नहीं, गुणों के गहने धारण करो।_