*अमूल्य रतन* 140
अव्यक्त मुरली दिनांक: 17 नवंबर 1969
*बाप के लिए सारी दुनिया में लायक बच्चे ही श्रेष्ठ सौगात है।*
जो जैसा गिफ्ट बनेगा उसे वैसा ही लिफ्ट मिलेगा। और इस सृष्टि के शोकेस में सबसे आगे होगा।
*सृष्टि के शोकेस में आगे आने के लिए*
एक तो अपने को *अट्रैक्टिव* बनाना पड़ेगा और दूसरा *एक्टिव।* इन दोनों के होने से *एक्टिविटी* भी बदल जाएगी।
*एक्टिव अर्थात् एवररेडी*
वह हर कार्य को परख भी लेगा, उसमें जुट भी जाएगा और सफलता भी पा लेगा।
जो पुरुषार्थ में भारी ,संस्कारों में भारी होगा उनको एक्टिव नहीं कहा जाएगा।
*अपनी ही कमजोरियां मुश्किलात के रूप में आती है।*
सर्विस मुश्किल नहीं लेकिन अपनी कमजोरियां मुश्किल बना देती है।