*अमूल्य रतन* 207
अव्यक्त मुरली दिनांक: *26 जनवरी 1970*
*संकल्प के आधार पर सृष्टि*
अगर *संकल्प पावरफुल* है तो अपने ही संकल्प के आधार पर अपने लिए *सतयुगी सृष्टि* लाएंगे।
*संकल्प कमजोर* हैं तो अपने लिए *त्रेतायुगी सृष्टि* लाते हैं।
*अपने आप से दृढ़ प्रतिज्ञा करो* कि आज से फिर यह बातें कभी नहीं रहेंगी। यह संस्कार अपने में फिर इमर्ज नहीं होने देंगे। यह व्यर्थ संकल्प कभी भी उत्पन्न नहीं होने देंगे। जब ऐसी दृढ़ प्रतिज्ञा करेंगे तब ही प्रत्यक्ष फल मिलेगा।
*लौकिक संबंधियों को बाप का परिचय देने की युक्ति*
अपनी *चलन में अलौकिकता लाओ* तो चलन की आकर्षण लौकिक संबंधियों आदि को भी स्वयं खींचेंगी। *लौकिक संबंध में वाणी काम नहीं करती।* चलन की आकर्षण होगी।
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