*अमूल्य रतन* 231 *संपूर्णता की निशानी* 01. अभी अभी आवाज़ में, अभी अभी आवाज़ से परे। जब यह अभ्यास सरल और सहज हो जाएगा तब समझो संपूर्णता आई है। 02. सर्व पुरुषार्थ सरल होगा। पुरुषार्थ में सभी बातें आ जाती है याद की यात्रा, सर्विस….. 03. संपूर्ण स्थिति वाले पुरुषार्थ कम करेंगे, सफलता अधिक प्राप्त करेंगे। *गाइड(Guide) और गार्ड(Guard)* _पांडवों को गार्ड बनकर शक्तियों की रखवाली के लिए निमित्त बनाया हुआ है। पांडवों को पीछे रहकर शक्तियों को आगे करना है।_ *जब पांडव गाइड बनते हैं तो गड़बड़ होती है। इसलिए पांडव सेना को गार्ड बनना है।* गार्ड पीछे रहता है गाइड आगे रहता है। _*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org* |