*अमूल्य रतन* 245 अव्यक्त मुरली दिनांक: *14 May 1970* *लॉ मेकर्स का टाईटल* सतयुग में जो भी लॉज चलने वाले हैं उसे बनाने वाले आप हो। यह स्मृति में रखने से हर कदम सोच-समझकर उठाएंगे। आप एक एक के पीछे आपकी राजधानी है। इतनी बड़ी जिम्मेदारी समझकर चलने से स्वभाव व संस्कारों का समर्पण समारोह जल्दी हो जाएगा। *संगम युग* संगम युग है सर्व बातों का बीज डालने का समय। हर दैवी रस्म का बीज डालने का यह संगम युग है। *संगमयुगी दरबार सतयुगी दरबार से भी ऊंची है।* _*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org* |