*अमूल्य रतन* 265
अव्यक्त मुरली दिनांक: *18 June 1970*

*अव्यक्त स्थिति*

अव्यक्त स्थिति में रहने का कम से कम 8 घंटे का लक्ष्य रखना है।
*अव्यक्त की स्मृति अर्थात् अव्यक्त स्थिति।*

बाप के स्नेही हो या माया के? स्नेह अर्थात् संपर्क।
जिससे संपर्क होता है तो संस्कार भी उनके जैसा ही होना चाहिए।
*संपूर्ण स्टेज तो नज़दीक रहने की है।*

*पुरुषार्थ की युक्ति*

हर दिन अपने सामने अलग-अलग स्लोगन रख सकते हो।
*जो कर्म मैं करूंगा मुझे देख और करेंगे।*
*अब नहीं तो कब नहीं।*
और उस स्लोगन को प्रैक्टिकल में लाओ।

*फरिश्ते कौन कहलाते हैं*

जैसे फरिश्तों को फर्श की कभी आकर्षण नहीं होती है। कार्य समाप्त हुआ फिर ठहरते नहीं। वैसे ही आप भी *व्यक्त का आधार लिया, कार्य समाप्त किया और फिर 1 सेकंड में अव्यक्त स्थिति हो जाए।*

_*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org*