*अमूल्य रतन* 264 *सेंसिबल ब्राह्मण* जो सेंसिबल होते हैं वह हर कार्य यथार्थ रीति से कर सकते हैं। *सेंसिबल की परख* सेन्स के साथ इसेंस में टिकना। *फर्स्ट आने के लिए फास्ट रखो* जो भी संस्कार व चीज़ पुरुषार्थ में नुकसानकारक हैं इन बातों का फास्ट रखो। *समेटना और समाना सीखो* पुराने संस्कारों को समाओ। _बाप में तो निश्चय है लेकिन अपने में भी निश्चय बुध्दि होकर करो तो फिर विजय हो विजय है।_ _*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org* |