*अमूल्य रतन* 251 *समीप रत्न के समीप आने की निशानी* 01. ऐसे अनुभव करेंगे कि यह शरीर जैसे अलग है। हम इसको धारण कर चला रहे हैं। *माइट अर्थात्* शरीर का भान छोड़ना और संकल्प भी बिल्कुल विल करना। यह है माइट। *फर्स्ट नंबर लेने के लिए विशेष फास्ट* *एक बाप दूसरा ना कोई, हर बात में एक की ही स्मृति आए।* जब यह फास्ट रखेंगे तो फर्स्ट आ जाएंगे। *दूसरा फास्ट* जल्दी चलने को भी कहा जाता है अर्थात् *तीव्र पुरुषार्थ।* _*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org* |