*अमूल्य रतन* 286
अव्यक्त मुरली दिनांक: *24 July 1970*

*सर्व बातों का सामना करने के लिए विशेष अटेंशन दो शब्द*

एक अंतर और दूसरा मंत्र।
*जो भी बात होती है उसका अंतर करो कि यह यथार्थ है या अयथार्थ है?* बापदादा के समान है व नहीं है?
हर समय अंतर करके उसका एक सेकंड में नॉट या तो डॉट।

*इविल स्पिरिट्स का रुप*

स्पष्ट रूप – किन्हीं आत्माओं में प्रवेश होना।
गुप्त रूप – चलते चलते किसी में विशेष *कोई न कोई बुरा संस्कार प्रभावशाली रूप में देखने में  आयेगा।*
जिसका इफेक्ट अभी अभी एक बात अभी अभी दूसरी बात वह भी फोर्स से।
स्थिति भी एक ठिकाने नहीं होगी। स्वयं भी परेशान और दूसरों को भी परेशान करेंगे।

*आप लोगों के पास स्पष्ट रूप में कम आयेगी।* जिसको आप कहते हो कि पता नहीं उनका दिमाग कुछ पागल सा है। अर्थात् *बुरे संस्कारों का इतना फोर्स होता है जो इविल स्पिरिट्स के समान ही होती है।*