*अमूल्य रतन* 284 अंतिम पुरुषार्थ याद का ही है। इसलिए याद की स्टेज व अनुभव को भी *बुद्धि में स्पष्ट समझना आवश्यक है।* *बिंदु रूप की स्थिति क्या है और अव्यक्त स्थिति क्या है,* दोनों का अनुभव क्या है? *यह प्रैक्टिस करो* बीच-बीच में एक-दो मिनट भी निकाल कर संकल्पों के ट्रैफिक को स्टॉप करना चाहिए। *महारथियों की प्रैक्टिस ऐसी होनी चाहिए* अभी अव्यक्त स्थिति सहज लगती है। पहले जब अभ्यास शुरू किया था तो अव्यक्त स्थिति में रहना भी मुश्किल था। इसी तरह यह बिंदु रूप की स्थिति भी सहज होनी चाहिए। _*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org* |