*अमूल्य रतन* 279
अव्यक्त मुरली दिनांक: *26 June 1970*
शीर्षक: *कामधेनु का अर्थ*

कामधेनु का अर्थ ही है सबकी मनोकामनाएं पूरी करने वाली। जिसकी अपनी सर्व कामनाएं पूरे होंगे वहीं औरों की कामनाएं पूरे कर सकेंगे।
*सर्व की इच्छाएं पूर्ण करने वाले स्वयं इच्छा मात्रम अविद्या होंगे।*

प्राप्ति स्वरूप बनने से औरों को प्राप्ति करा सकते हो। तो सदैव अपने को दाता अथवा महादानी समझना।
*महाज्ञानी बनने के बाद ही महादानी का कर्तव्य चलता है।* महादानी की परख महादानी बनने से होती है।

*आप लोगों से साक्षात्कार होना है* ऐसे दर्शनीय मूर्त व साक्षात्कार मूर्त तब बनेंगे जब अव्यक्त आकृति रूप दिखायेंगे। अर्थात् *कोई भी जब सामने आए तो उसे शरीर ना दिखाई दे।* प्रकाशमय रूप दिखाई दे। *सिर्फ मस्तक से नहीं सारे शरीर द्वारा लाइट के साक्षात्कार होने हैं।*

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