*अमूल्य रतन* 29‌3
अव्यक्त मुरली दिनांक: *30 July 1970*

*संकल्प, वाणी, कर्म सभी सिद्ध हो जाए इसके लिए*

अगर कंट्रोलिंग पावर नहीं है तो व्यर्थ मिक्स होने के कारण सिद्धि प्राप्त नहीं होती। अगर यथार्थ उत्पत्ति हो संकल्पों की व यथार्थ वाणी निकले, यथार्थ कर्म हो, तो हो ही नहीं सकता कि सिद्ध ना हो।

*विश्व के आधार मूर्त और उद्धार मूर्त*

जो विश्व के आधार मूर्त और उद्धार मूर्त हैं ऐसी मूर्तियों के मुख से कमज़ोरी के शब्द शोभते नहीं है।
*कमज़ोरी की समाप्ति और हर संकल्प ऐसा पावरफुल उत्पन्न हो जो एक एक संकल्प कमाल कर दिखाने वाला हो।*

ऐसी अलौकिक झलक से सभी को फिदा कर सकेंगे। कोई को मुक्ति धाम कोई को जीवनमुक्ति धाम…. *(सभी आत्माओं को आप लोगों द्वारा अपना अपना यथा पार्ट तथा बाप का वर्सा जरूर लेना है)*

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