*अमूल्य रतन* 107
अव्यक्त मुरली दिनांक: 18 सितंबर 1969
शीर्षक: *त्रिनेत्री, त्रिकालदर्शी और त्रिलोकीनाथ बनने की युक्तियां*
*संयम* (संयम अर्थात् नियम)
01. स्वयं को और सर्वशक्तिमान *बाप को पूर्ण रीति जानने के लिए* संयम चाहिए।
02. संयम, स्वयं को और *सर्वशक्तिमान बाप को समीप लाता है।*
03. संयम को छोड़ने से याद भी छूटती है।
04. अगर संयम ठीक है तो स्वयं की स्थिति ठीक है, और स्वयं की स्थिति ठीक है तो *सब बातें ठीक है।*
05. संयम रखने से *देह की आकर्षण आकर्षित नहीं करेगी।*
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