*अमूल्य रतन* 108
अव्यक्त मुरली दिनांक: 18 सितंबर 1969
*तीन बातें – याद, संयम और समय। याद रखने से*
01. त्रिनेत्री, त्रिकालदर्शी और त्रिलोकीनाथ बन जाएंगे।
02. जो संगमयुग का आपका टाइटल है वह सब प्राप्त हो जाएगा।
*ब्राह्मण कुलभूषण ही चरित्रवान है।*
_सिर्फ एक बाप का ही चरित्र नहीं है, बाप के साथ साथ जो भी मददगार है उनकी हर एक चलन में चरित्र है।_ तो चरित्र को देखो, चेतन व विचित्र को देखो।
*चित्र के अंदर जो चरित्र है उनको देखने से* देह की आकर्षण जो न चाहते हुए भी खींचती है वह दूर हो जाएगी।
_अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org*