*अमूल्य रतन* 151
अव्यक्त मुरली दिनांक: 06 दिसम्बर 1969
शीर्षक: *सरल स्वभाव से बुद्धि को विशाल और दूरांदेशी बनाओ*

*सरल स्वभावी बनने से*

01. *समझने की शक्ति* आएगी।
02. सबका *स्नेही और सहयोगी* होगा।
03. सभी द्वारा *सहयोग* भी प्राप्त होगा।
04. *माया कम सामना* करेगी।
05. सर्व का *प्रिय* होगा।
06. *व्यर्थ संकल्प नहीं* चलेगा।
07. *समय व्यर्थ नहीं* जाएगा।
08. व्यर्थ संकल्प न चलने के कारण उनकी *बुद्धि विशाल और दूरांदेशी* रहती है।

09. सरलता *स्वच्छता* को लाएगी। स्वच्छता सभी को अपनी तरफ *आकर्षित* करेगी।

10. सरल स्वभाव वाला बहुरूपी बन सकता है अर्थात् *मोल्ड* हो सकता है।

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