*अमूल्य रतन* 16
अव्यक्त मुरली दिनांक: 17 अप्रैल 1969

शीर्षक/संदर्भ: *आबू ‘आध्यात्मिक संग्रहालय’ का उद्घाटन*

*पुरुषार्थ से स्नेह*

दैवी परिवार से स्नेह, सर्विस से स्नेह, बापदादा से स्नेह के साथ-साथ वर्तमान समय पुरुषार्थ से ज्यादा स्नेह रखना चाहिए।

01. जो पुरुषार्थ के स्नेही होंगे वह सबके स्नेही होंगे।
02. जब पुरुषार्थ से स्नेह होगा तब प्रालब्ध से भी स्नेह होगा।
03. दैवी परिवार का स्नेह प्राप्त करने व देने के लिए पुरुषार्थ से स्नेह रखना है।
04. जो पुरुषार्थ के स्नेही है वह एक दो के स्नेह के पात्र बन सकते हैं।