*अमूल्य रतन* 169
अव्यक्त मुरली दिनांक: *18 जनवरी 1970*
*विल पावर आने का साधन*
जो भी बुराई है अंदर व बाहर उसे संपूर्ण विल करना है।
*बापदादा को पहले स्वीकार कौन होता है?*
सोचा और किया अर्थात् झाटकू। *जो पहले स्वीकार होता है उनको नंबर वन की शक्ति मिलती है* जो बाद में होते हैं उनको शक्ति भी इतनी प्राप्त नहीं होती है।
*इस बात पर सोचना* होमवर्क
बापदादा वर्तमान के साथ भविष्य भी जानता है। तो भविष्य कर्मबंधन की रस्सियां देखकर इतनी तेज दौड़ी नहीं पहनाते हैं। *कर्म बंधन की रस्सियों को काटना अपना कर्तव्य है।*
*विदेही को युगल बनाएंगे तो विदेही बनने में सहयोग मिलेगा।*
सहज बातों को पार करना कोई कमाल नहीं है। *मुश्किलातों को पार करना यह है कमाल।* _मुश्किलातों को मुश्किल न समझ कर चलना यह है कमाल।_
_अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org*