*अमूल्य रतन* 171
अव्यक्त मुरली दिनांक: *22 जनवरी 1970*
शीर्षक: *अंतिम कोर्स – मन के भावों को जानना*

*रूहानी स्थिति में स्थित हो रूह रूहान करने के लिए*

सदैव बुद्धि की लाइन क्लियर हो। कोई भी अपनी बुद्धि में व मन में डिस्टरबेंस होगा व लाइन क्लियर नहीं होगी तो एक-दो के संकल्प और भाव को जान नहीं सकेंगे।

*अटूट, अटल और अथक* इन तीनों बातों में से एक बात में भी कमी हो तो बुद्धि की लाइन क्लियर नहीं होगी।

*पुरुषार्थ की लाइन क्लियर होने से*

1. भविष्य ऐसा ही स्पष्ट होगा जैसे वर्तमान स्पष्ट होता है।
2. कोई भी बात में पुरुषार्थ की मुश्किलात नहीं रहेगी।
3. जो अंधकार है, धुंध है वह सभी खत्म हो जाता है।
4. सत्य बात को छुपाने वाले, धुंध हट जाएंगे।

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