*अमूल्य रतन* 211
अव्यक्त मुरली दिनांक: *02 फरवरी 1970*
*ऐसे साक्षात्कारमूर्त बनो*
जो कोई भी सामने आए, वह चित्र आपके नैनों में देखते ही बुद्धि योग द्वारा अनेक साक्षात्कार हो।
*साक्षात्कारमूर्त बनने के लिए*
सदैव साक्षी स्थिति में स्थित रहना।
*ऐसा पुरुषार्थ करो*
एक एक के मस्तक में लाइट देखने में आये। विनाश के समय भी यह लाइट रूप आपको बहुत मदद देगी। _कोई किसी भी वृत्ति वाला आपके सामने आये वह इस देह को न देख आपके चमकते हुए इस बल्ब को देखे।_
जितनी जितनी आपकी लाइट तेज होती जाएगी तमोगुणी दृष्टि और वृत्ति स्वत: ही खत्म हो जाएगी।
_*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org*