*अमूल्य रतन* 237
अव्यक्त मुरली दिनांक: *05 April 1970*

*शक्तियों का मुख्य गुण*

निर्भयता और विस्तार को एक सेकंड में समेटने की शक्ति।
एकता और एकरस। *सुनना और स्वरूप बन जाना।*
*सेंस(Sense) तो है अब ज्ञान का जो एसेंस(Essence) है उसमें रहना।*

इस ज्ञान की आवश्यक बातें ही एसेंस है। *इनको सदा के लिए पूर्ण करने के लिए*

आकारी और अलंकारी बनना।

*आकारी और अलंकारी बनने के लिए एक शब्द*

लाइट। लाइट का अर्थ ज्योति भी है और हल्का भी है। _हल्कापन भी और प्रकाशमय भी, अलंकारी भी और आकारी भी, ज्योति स्वरूप भी और ज्वाला स्वरूप भी।_

जब इन स्वरूपों में स्थित होना आता है तब एकरस स्थिति रह सकती है।

_*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org*