*अमूल्य रतन* 243
अव्यक्त मुरली दिनांक: *05 April 1970*

*गायन योग्य कौन बनते हैं और पूजन योग्य कौन बनते हैं?*

एकरस रहने वाले का पूजन एक रस होता है। पुरुषार्थ में ‘कब’ शब्द नहीं रहना चाहिए।

*संपूर्ण स्थिति*

संपूर्ण स्थिति सर्व शक्ति संपन्न होती है। सर्व शक्ति संपन्न बनने से सर्वगुण संपन्न बनेंगे।
*भविष्य में बनना है सर्वगुण संपन्न। अब बनना है सर्वशक्ति संपन्न।*

*शक्तियां*

स्नेह शक्ति।  संबंध शक्ति।
सहयोग शक्ति। सहन शक्ति।
*यह चार शक्तियां है तो संबंध भी समीप है।*

*स्नेह और शक्ति दोनों की आवश्यकता*

_अगर शक्ति रूप नहीं तो माया पर विजय नहीं पा सकते। स्नेह रूप से संबंध में आते हो।_
बाप को सर्वशक्तिमान भी कहते हैं और प्यार का सागर भी कहते हैं।

_*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org*