*अमूल्य रतन* 246
अव्यक्त मुरली दिनांक: *14 May 1970*

*संगम युगी ताज और तख्त सदैव कायम रहे इसके लिए तीन बातें*

उपकारी, निरहंकारी और अधिकारी।

*अधिकार* भी सामने रखना है, *निरहंकार* का गुण भी सामने रखना है और *उपकार* करने का कर्तव्य भी करना है।

कोई कितना भी अपकारी हो लेकिन अपनी दृष्टि और वृत्ति उपकारी हो।

*यह मधुबन मंदिर भी है,* चैतन्य मंदिर है इस मंदिर के बीच आत्मा और परमात्मा की लगन होती है।

*साथ साथ कोर्ट भी है* क्योंकि आप लॉ मेकर्स हो।

बीज रूप द्वारा सर्व बातों का बीज पड़ता है। *उस बीज रूप के साथ साथ आप भी बीज डालने में मदद करना।*

_*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org*