*अमूल्य रतन* 247
अव्यक्त मुरली दिनांक: *21 May 1970*
शीर्षक: *भिन्नता को मिटाने की युक्ति*

*मास्टर जानी जाननहार की डिग्री*

ऐसी अवस्था होनी चाहिए जो कोई के संकल्प को ऐसे ही स्पष्ट जान ले जैसे वाणी द्वारा सुनने के बाद जाना जाता है।
यह मास्टर जानी जाननहार की डिग्री भी यथायोग्य  यथा शक्तिशाली प्राप्त होगी।

*जो ज्ञान की परवरिश ली है उसकी रिज़ल्ट फलस्वरूप बनना है।*

_प्रैक्टिकल भगवान के जितना साकार संबंध में नज़दीक आयेंगे उतना पुरूषार्थ में भी नज़दीक आयेंगे।_

*भिन्नता को मिटाने का सहज उपाय – एकता*

_*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org*