*अमूल्य रतन* 266
अव्यक्त मुरली दिनांक: *19 June 1970*
शीर्षक: *त्रिमूर्ति लाइट्स का साक्षात्कार*

_ब्राह्मण अर्थात् त्रिमूर्ति शिव वंशी बच्चों को/से तीन प्रकार के लाइट्स का साक्षात्कार होता है_

01. नयनों से ज्योति का। ऐसे अंधियारे में सच्चे हीरे चमकते हैं।
02. मस्तक की लाइट।
03. माथे पर लाइट का क्राउन।

आप की लाइट की स्थिति को देख दूसरे भी हल्के हो जाए। ऐसे *साक्षात्कार मूर्त और साक्षात् मूर्त* बनना है।

बापदादा से मिलन मनाना अर्थात् बाप के साथ गुण और कर्तव्य मिलना।

*सूक्ष्म सर्विस*

जैसे अपनी उन्नति के लिए सोचते हैं वैसे ही शुद्ध भावन, शुभचिंतक और शुभ चिंतन के रूप में अन्य आत्माओं को भी विशेष सहयोग देना चाहिए।
जितना जितना आप सूक्ष्म में होते जाएंगे उतना यह सूक्ष्म सर्विस भी बढ़ती जाएगी। और उनके लिए बापदादा भी विशेष सहयोग देते हैं।