*अमूल्य रतन* 27
अव्यक्त मुरली दिनांक: 08 मई 1969

*जो प्रैक्टिस करनी है।*

वर्तमान समय जिज्ञासुओं की संख्या बढ़ती रहेगी तो जिज्ञासु और नजदीक वाले को परखने के लिए बहुत प्रैक्टिस चाहिए। आप उनकी दृष्टि से पूरी सृष्टि को जान सकते हो।

*निश्चय बुद्धि की निशानी*

01. निश्चय बुद्धि के नयनों से ऐसे महसूस होगा जैसे यह सब कुछ देखते हुए भी कुछ और देखते हैं।

02. निश्चय बुद्धि की परख है निशाना और उनकी स्थिति नशे वाली होगी।