*अमूल्य रतन* 278 *इस पुरानी दुनिया से बेहद का वैराग्य लाने का साधन* बेहद का वैरागी बनना है तो सदैव अपने को मधुबन निवासी समझो। लेकिन *मधुबन को खाली नहीं देखना। मधुबन है ही मधुसूधन के साथ।* तो मधुबन याद आने से बापदादा, दैवी परिवार, त्याग, तपस्या और सेवा भी याद आ जाते हैं। मधुबन तपस्या भूमि भी है। *मधुबन एक सेकंड में सभी से त्याग कराता है।* मधुबन है ही त्यागी, वैरागी बनाने वाला। *जितना आप के मुख पर बापदादा का नाम होगा उतना ही सभी के मुख पर आपका नाम होगा।* *बंधनयुक्त हो या स्वतंत्र?* स्वतंत्रता का अर्थ है स्पष्ट। _*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org* |