*अमूल्य रतन* 279 कामधेनु का अर्थ ही है सबकी मनोकामनाएं पूरी करने वाली। जिसकी अपनी सर्व कामनाएं पूरे होंगे वहीं औरों की कामनाएं पूरे कर सकेंगे। प्राप्ति स्वरूप बनने से औरों को प्राप्ति करा सकते हो। तो सदैव अपने को दाता अथवा महादानी समझना। *आप लोगों से साक्षात्कार होना है* ऐसे दर्शनीय मूर्त व साक्षात्कार मूर्त तब बनेंगे जब अव्यक्त आकृति रूप दिखायेंगे। अर्थात् *कोई भी जब सामने आए तो उसे शरीर ना दिखाई दे।* प्रकाशमय रूप दिखाई दे। *सिर्फ मस्तक से नहीं सारे शरीर द्वारा लाइट के साक्षात्कार होने हैं।* _*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org* |