*अमूल्य रतन* 281
अव्यक्त मुरली दिनांक: *11 July 1970*

*फेथफुल अर्थात्*

फेथफुल अर्थात् निश्चय बुद्धि। *एक तो अपने में निश्चय, दूसरा बापदादा में और तीसरा सर्व परिवार के आत्माओं में फेथफुल* होकर कोई कर्तव्य करेंगे तो निश्चित बुद्धि की विजय अर्थात् सक्सेस होगी।

*संगमयुग की डिग्री प्राप्त करने वालों की निशानी*

उसका हर कर्तव्य, हर संकल्प, हर बोल पावरफुल होगा।

*संहारीमूर्त बनो*

अपने संस्कारों पर, अपने विकर्मों पर और विकर्मियों के विकर्मी चलन को अब समाना नहीं है। लेकिन संहार करना है। अब स्नेह को समाना है शक्ति रुप को प्रत्यक्ष करना है।

*एक ही समय में तीन बातें धारण करना*

मस्तक में मातॄ स्नेहीपने का गुण, रूप में रूहानियत और वाणी में वज्र।

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