*अमूल्य रतन* 283 *यथार्थ पुरुषार्थ का अर्थ* वहां ही पुरुषार्थ और वहां ही प्राप्ति। संगम युग को विशेष वरदान है प्रत्यक्ष फल प्राप्त कराने का। फल भी ऐसा है जो पुरुषार्थ कम प्रारब्ध जास्ती। *सर्विसेबल का अर्थ* *बेहद की बात सोचना, बेहद परिवार से संबंध और स्नेह, सर्व स्थान अपने….।* ऐसे को कहते हैं बेहद का सर्विसेबल। *हद की सर्विस वाले को सर्विसेबल नहीं कहेंगे।* मधुबन को कहते हैं सेफ (तिजोरी)। *कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए* *योगयुक्त और निश्चय बुद्धि बनकर के कर्तव्य करने से* सफलता प्राप्त हो जाती है। _*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org* |