*अमूल्य रतन* 290 *स्नेह मूर्त* *स्नेह कभी गुप्त नहीं रह सकता।* स्नेही के हर कदम से उसकी छाप देखने में आती है। *आकर्षण मूर्त बनने के लिए* आकारी रूपधारी बनकर साकार कर्तव्य में आना है। *अंतर्मुखी और एकांतवासी यह लक्षण* धारण करने से जो लक्ष्य रखा है उसकी सहज प्राप्ति हो सकती है। *सफलता के लिए विशेष गुण* जितना मन्सा, वाचा, कर्मणा, संपर्क में उदारचित् उतना सर्व के उद्धार करने के निमित्त बन सकते हैं। उदारचित् होने से सहयोग लेने के पात्र बन जाते हैं। _*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org* |