*अमूल्य रतन* 291
अव्यक्त मुरली दिनांक: *27 July 1970*

*मधुबन का मुख्य लक्षण*

मधुबन में रहते मधुरता और बेहद के वैराग्यवृत्ति  को धारण करना है। इसको ही मधुबन कहा जाता है। *बाहर रहते भी अगर यह लक्ष्य है तो गोया मधुबन निवासी हैं।*

*प्रैक्टिकल में सहयोगी बनने से*

सर्व को सहयोग दे भी सकेंगे और सर्व का सहयोग ले भी सकेंगे।‌ *हर आत्मा की विशेषता को देखते, सुनते व संपर्क में आते वह विशेषताएं स्वयं में आ जाती है।*

*योग अग्नि सदैव जलती रहे इसके लिए*

मन, वाणी, कर्म और संबंध इन चारों बातों की रखवाली करना पडे़।

*जैसे सर्विस अनेक आत्माओं के कल्याण का साधन है। एसे ही एक सेकंड में आकारी से साकारी बनने की प्रैक्टिस भी एक साधन है।*

_*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org*