*अमूल्य रतन* 49
अव्यक्त मुरली दिनांक: 09 नवंबर 1969
शीर्षक: *भविष्य को जानने की युक्तियाँ*
*स्नेह का सबूत*
01. जिसके प्रति स्नेह है उसके समान बनना है। 02. स्टूडेंट को टीचर के गुण जरूर धारण करने हैं।
*कर्मातीत अवस्था परखने के लिए मीटर*
जितना जितना समानता में समीप होंगे उतना ही समझो कर्मातीत अवस्था के समीप पहुंचेंगे। यही समानता का मीटर है। इससे अपनी कर्मातीत अवस्था को परखना। सदैव गुणग्राहक बनना है।
*स्तुति-निंदा, लाभ-हानि, जय-पराजय सभी में संतुष्ट होकर चलना है* और रहमदिल बनना है।
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